शब्द का अर्थ
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धौर :
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पुं० [हिं० धौरा=सफेद] सफेद परेवा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
धौरहर :
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पुं० [सं० धवलगृह] १. मकान का वह ऊपरी भाग, जो खंभे की तरह बहुत ऊँचा गया हो और जिस पर चढ़ने के लिए अन्दर-अन्दर सीढ़ियाँ बनी हों। धरहरा। २. उक्त में बना हुआ कमरा। ३. दे० ‘धरहरा’। |
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धौरा :
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वि० [सं० धवल] [स्त्री० धौरी] १. श्वेत। सफेद। २. उजला। साफ। पुं० १. सफेद रंग का बाल। २. धौ का पेड़। ३. पंडुक की तरह की एक चिड़िया, जो उससे कुछ बड़ी और खुलते रंग की होती है। पुं० [सं० धव] बाकली की तरह का एक प्रकार का वृक्ष जो मध्यभारत में अधिकता से होता है।a |
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धौरादित्य :
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पुं० [सं०] शिवपुराण के अनुसार एक तीर्थ। |
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धौराहर :
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पुं०=धौरहर। |
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धौरितक :
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पुं० [सं० धोरित+अण्+कन्] घोड़े की पाँच प्रकार की चालों में से एक। |
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धौरिय :
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पुं० [सं० धौरेय] बैल। |
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धौरी :
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स्त्री० [हिं० धौरा] १. सफेद रंग की गाय। कपिला। २. एक प्रकार की चिड़िया। स्त्री०=बाकली। |
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धौरे :
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अव्य०=धोरे (निकट या पास)। उदा०—धरि रहै। हाथ माथ के धौरे।—नन्ददास। |
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धौरेय :
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वि० [सं० धुरा+ढक्—एय] धुर (रथ आदि) खींचनेवाला। पुं० रथ में जोता जानेवाला। बैल। |
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धौर्तक :
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पुं० [सं० धुर्त+बुञ्—अक]=धूर्तता। |
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धौर्त्य :
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पुं० [सं० धुर्त+ष्यञ्] धूर्तता। |
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धौर्य :
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पुं० [सं० धुर+ण्यत्] घोड़े की एक प्रकार की चाल। |
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